बिजली कर्मचारी ही खोलेंगे हरियाणा में प्रीपेड बिजली मीटर की पोल, जानिए क्यों और कैसे
Only electricity employees will open prepaid electricity meters in Haryana, know why and how
सत्य खबर, चंडीगढ़ ।
हरियाणा में केंद्र के बिजली अमेंडमेंट बिल (2022) का कर्मचारी विरोध करेंगे। इसके लिए चंडीगढ़ में हुई इलेक्ट्रिसिटी एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया की उत्तर क्षेत्र के राज्यों की मीटिंग हुई।
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इस मीटिंग में तय किया गया कि इस बिल के विरोध में हरियाणा सहित दूसरे राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, यूपी, चंडीगढ़ और राजस्थान में कर्मचारी घर-घर जाएंगे। जहां वह बिजली के प्रीमेड मीटर और टैरिफ पॉलिसी की कमियों को लोगों को बताएंगे।
मीटिंग में बिजली के निजीकरण के हमले के खिलाफ योजनाबद्ध कार्रवाई के अगले चरण की ठोस योजना बनाई गई।
विरोध का ये रहेगा शेड्यूल
मीटिंग में बनाई गई योजना अनुसार 15 जनवरी 2024 तक सभी हिस्सों के उपभोक्ताओं और श्रमिक-किसान संगठनों को शामिल करते हुए राज्य स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन और उसके बाद जिला स्तरीय सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। संशोधित वितरण क्षेत्र योजना और बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 को वापस लेने की मांग को लेकर 31 जनवरी तक डिवीजन, सर्कल स्तर के कार्यालयों के सामने प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे। इसके बाद फरवरी 2024 के महीने में राज्य स्तर पर लामबंदी की जाएगी।
कर्मचारी नेता बोले- सरकार कॉर्पोरेट को सौंप रही बिजली
नेताओं ने कहा कि चंडीगढ़ को सार्वजनिक बिजली व्यवस्था को बचाने के लिए बिजली कर्मचारियों और उपभोक्ताओं के ऐतिहासिक संयुक्त संघर्ष के लिए जाना जाता है और आज एक बार फिर संघर्ष की इसी भावना को ठोस तौर पर आगे बढ़ाने के लिए ईईएफआई की बैठक आयोजित हुई। कर्मचारी नेता मीटिंग में बोले कि सरकार विभाग को कॉर्पोरेट को सौंपने की तैयारी कर रही है।
ईईएफआई के उपाध्यक्ष सुरेश राठी की अध्यक्षता में आयोजित इस मीटिंग में ईईएफआई के महासचिव प्रशांत नंदी चौधरी, उपाध्यक्ष सुभाष लांबा, सचिव सुदीप दत्ता के अलावा कुलविंदर सिंह ढिल्लों, हरपाल सिंह, गोपाल दत्त जोशी, ध्यान सिंह, रामपाल मलिक, हीरा लाल वर्मा, रघुवेंद्र सिंह व कामेश्वर शर्मा आदि मौजूद थे।